अक्षांश मिशन-4: भारतीय एयरफोर्स पायलट शुभांशु शुक्ला की धरती पर वापसी अब 14 जुलाई को, नासा ने दी जानकारी

नई दिल्ली: भारतीय वायुसेना के ग्रुप कैप्टन और अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की अंतरिक्ष से धरती पर वापसी अब 14 जुलाई 2025 को होगी। यह जानकारी अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने 10 जुलाई को दी। शुक्ला इस समय अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर चल रहे Axiom Mission 4 में मिशन पायलट की भूमिका निभा रहे हैं।

Join Telegram For Fast Update Join

🚀 मिशन लॉन्च की जानकारी:

Axiom-4 मिशन को Kennedy Space Center, Florida से SpaceX के Falcon 9 रॉकेट द्वारा लॉन्च किया गया था। यह मिशन संयुक्त रूप से NASA, ISRO और Axiom Space के सहयोग से संचालित किया जा रहा है। शुरुआत में इसकी अवधि 14 दिन तय की गई थी, यानी 10 जुलाई को वापसी होनी थी, लेकिन अब यह 14 जुलाई को होगी।


🔬 शुभांशु शुक्ला के प्रमुख अंतरिक्ष प्रयोग:

ISS पर रहते हुए शुभांशु ने कई वैज्ञानिक प्रयोगों को अंजाम दिया, जिनमें से प्रमुख हैं:

  1. स्प्राउट्स प्रोजेक्ट – उन्होंने हरे मूंग और मेथी के बीजों को माइक्रोग्रैविटी में अंकुरित किया। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में बीजों की अंकुरण प्रक्रिया, पोषक तत्वों और आनुवंशिक बदलावों को समझना था।

  2. माइक्रोएल्गी परीक्षण – ऑक्सीजन उत्पादन, खाद्य स्रोत और जैव ईंधन के संभावित उपयोग के लिए माइक्रोएल्गी को अंतरिक्ष में तैनात और स्टो किया गया।

  3. भारतीय संस्थानों के 7 प्रयोग – ये अधिकांशतः जैविक अनुसंधान पर आधारित हैं, जो भारतीय छात्रों और वैज्ञानिकों द्वारा डिजाइन किए गए हैं।

  4. NASA के साथ 5 अतिरिक्त प्रयोग – इनमें दीर्घकालिक अंतरिक्ष मिशनों के लिए आवश्यक डेटा एकत्र किया जा रहा है।


🇮🇳 भारत की भूमिका और उपलब्धि:

  • यह मिशन एक निजी अंतरिक्ष यात्रा अभियान है, जिसमें भारत ने 548 करोड़ रुपये देकर एक सीट हासिल की।

  • शुभांशु शुक्ला इस मिशन के ज़रिए ISS पर जाने वाले पहले भारतीय और राकेश शर्मा (1984) के बाद दूसरे भारतीय अंतरिक्ष यात्री बने हैं।

  • उनके प्रयोग भारत के आगामी Gaganyaan मिशन को नई दिशा देने में मदद करेंगे।


🌍 क्या है अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS)?

ISS एक विशाल अंतरिक्ष प्रयोगशाला है, जो पृथ्वी की परिक्रमा करती है। इसमें वैज्ञानिक माइक्रोग्रैविटी में प्रयोग करते हैं। यह स्टेशन हर 90 मिनट में पृथ्वी की एक परिक्रमा करता है और इसकी गति लगभग 28,000 किमी/घंटा होती है। इसे 5 प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसियों (NASA, Roscosmos, JAXA, ESA, CSA) ने मिलकर बनाया है।


📷 हाल ही में आई तस्वीरें:

6 जुलाई को शुभांशु शुक्ला की कुछ तस्वीरें सामने आईं, जिनमें वे ISS के Cupola Module की खिड़की से पृथ्वी को निहारते हुए दिखे।


👉 यह मिशन न केवल वैज्ञानिक दृष्टिकोण से, बल्कि भारत की वैश्विक अंतरिक्ष क्षमताओं को स्थापित करने के लिए भी एक ऐतिहासिक कदम है।


📌 महत्वपूर्ण तिथि:
🔸 वापसी की नई तारीख: 14 जुलाई 2025

#Axiom4Mission #ShubhanshuShukla #ISROMission #NASA #IndianAirforce #ISS #SpaceExploration #गगनयान #भारत_का_अंतरिक्ष_यात्रा

For the latest update about Govt. Job, please follow our FacebookTelegramWhat’s app channel & Instagram