CLAT से वकीलों की भर्ती पर कोर्ट का बड़ा स्टॉप – NHAI की प्रक्रिया पर ब्रेक

कॉमन लॉ एडमिशन टेस्ट (CLAT) देशभर में कानून की पढ़ाई के लिए प्रवेश परीक्षा के रूप में आयोजित किया जाता है। इसे मुख्य रूप से राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों (NLUs) में दाखिले के लिए उपयोग किया जाता है। लेकिन हाल ही में नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया (NHAI) ने वकीलों की भर्ती के लिए CLAT को आधार बनाया। इस प्रक्रिया पर सवाल उठते ही मामला अदालत पहुंचा।

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कोर्ट ने स्पष्ट किया कि CLAT का उद्देश्य केवल शैक्षणिक प्रवेश है, न कि पेशेवर वकीलों की नियुक्ति। वकीलों की भर्ती का मूल्यांकन उनकी डिग्री, अनुभव और पेशेवर क्षमता के आधार पर होना चाहिए। केवल एक प्रवेश परीक्षा को भर्ती का मानक बनाना न केवल तर्कहीन है बल्कि अवसरों की समानता के सिद्धांत के भी खिलाफ है। अदालत ने इस पर असहमति जताते हुए NHAI की चल रही बहाली प्रक्रिया पर रोक लगा दी।

यह फैसला भर्ती प्रणाली की पारदर्शिता और न्यायसंगतता की ओर इशारा करता है। भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में, किसी भी संस्था द्वारा नियुक्ति प्रक्रिया को निष्पक्ष और तार्किक होना आवश्यक है। विशेषज्ञों का मानना है कि NHAI जैसी संस्थाओं को वकीलों की भर्ती के लिए अलग से चयन प्रक्रिया तैयार करनी चाहिए, जिसमें लिखित परीक्षा, साक्षात्कार और अनुभव का आकलन शामिल हो।

इस घटना ने एक बार फिर भर्ती प्रक्रियाओं में सुधार की आवश्यकता को उजागर किया है। अदालत का हस्तक्षेप यह सुनिश्चित करता है कि योग्य उम्मीदवारों को उनके वास्तविक कौशल और अनुभव के आधार पर अवसर मिलें। CLAT को भर्ती के साधन के रूप में उपयोग करने पर रोक लगाकर न्यायपालिका ने स्पष्ट संदेश दिया है कि प्रवेश परीक्षाओं और पेशेवर चयन प्रक्रियाओं को अलग-अलग दायरे में ही रखा जाना चाहिए।

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