भारत-जापान रिश्तों में नई उड़ान”: मोदी-इशिबा ने मिलकर तय किए बड़े फैसले

भारत और जापान के संबंधों में नई प्रगति

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जापान यात्रा के दौरान, उन्होंने जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा से मुलाकात की। इस अवसर पर, दोनों नेताओं ने भारत और जापान के रिश्तों को और मजबूत बनाने के लिए अपनी दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की। इस यात्रा के दौरान, अनेक महत्वपूर्ण समझौतों पर हस्ताक्षर हुए, जिसने दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूती प्रदान की और भविष्य के सामूहिक प्रयासों की दिशा में नई उम्मीदें जगाईं।

भारतीय और जापानी संबंधों के महत्व को कई कारणों से समझा जा सकता है:

Join Telegram For Fast Update Join

 

1. आर्थिक सहयोग: जापान इंडिया में निवेश करने वाले बुनियादी ढांचे, ऑटोमोबाइल और तकनीकी क्षेत्रों के साथ-साथ प्रमुख निवेशक देशों में से एक है। यह निवेश भारत के आर्थिक विकास को एक नया आयाम दे रहा है।

2. रणनीतिक भागीदारी: दोनों देशों ने रक्षा, सुरक्षा और क्षेत्रीय स्थिरता को सुनिश्चित करने के लिए एक नया सुरक्षा सहयोग स्थापित किया। इस संबंध से दोनों देशों की सुरक्षा मजबूत होती है।

3. सांस्कृतिक कनेक्शन: बौद्ध धर्म, कला, शिक्षा तथा इतिहास के अन्य क्षेत्रों में दोनों देशों के मध्य स्थापित रिश्ते गहरे सांस्कृतिक संपर्क को प्रदर्शित करते हैं। इस कनेक्शन से दोनों देशों के बीच दूरी कम हो जाती है।

नई समझौतों की समीक्षा और साझेदारी

10 ट्रिलियन येन का निवेश: पिछले निवेश के $2.7 बिलियन के मुकाबले जापान भारत में अगले 10 साल में 10 ट्रिलियन येन (विड $68 बिलियन) का निजी निवेश करने जा रहा है।

500,000 लोगों का आदान-प्रदान: युवाओं में हो रहे भारत के जन वसतुओं के फायदे को एक्सेस करने के लिए भारत और जापान के बीच छात्रों व कामगारों के और ज़्यादा आदान-प्रदान को अगले 5 वर्षों के भीतर प्राथमिकता दी जाएगी।

दशक के लिए संयुक्त दृष्टिकोण: सुरक्षा, आर्थिक सुरक्षा, ऊर्जा, रक्षा, तकनीक, अंतरिक्ष, रक्षा एवं स्वच्छ ऊर्जा समेत कई जरूरतमंद क्षेत्रों के लिए सहयोग के दशाब्दी के लिए रोडमैप तैयार कर दिया गया है।

*बुलेट ट्रेन सहयोग:* प्रधानमंत्री मोदी और जापान के इशिबा ने विशेष रूप से अगली पीढ़ी के E10 मॉडल की शिंकानसेन ट्रेनों के भारत में उत्पादन की संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया।

*अंतरिक्ष सहयोग – चंद्रयान-5:* भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) और जापानी अंतरिक्ष अन्वेषण एजेंसी (JAXA) ने चंद्रमा पर अनुसंधान मिशन के लिए सहयोग का एक समझौता किया है।

*सुरक्षा और रक्षा सहयोग:* 2008 में हस्ताक्षरित सुरक्षा संधि को प्रगतिशील स्वरूप देने के लिए चर्चा की जा रही है, जिसमें सामूहिक रक्षा अभ्यास, तकनीकी सहयोग और रणनीतिक संवाद को शामिल किया जाएगा।

*आर्थिक सुरक्षा पहल:* सेमीकंडक्टर, स्वच्छ ऊर्जा, दूरसंचार और दवाओं के क्षेत्र में सहयोग को बढ़ावा देने के उपायों पर विचार किया जा रहा है।

दिलचस्प तथ्य

* भारत और जापान के बीच मित्रता की नींव 1950 के दशक में रखी गई थी।
* जापान, भारत में निवेश करने वाले महत्वपूर्ण देशों में से एक माना जाता है।
* जापानी कंपनियाँ भारत में हजारों परियोजनाओं पर काम कर रही हैं।
* दोनों देश साथ मिलकर “एक्ट ईस्ट पॉलिसी” और “मुक्त एवं ओपन इंडो-पैसिफिक” की दिशा में प्रयासरत हैं।

निष्कर्ष

भारत और जापान के बीच संबंध केवल आर्थिक ही नहीं, बल्कि रणनीतिक और सांस्कृतिक सहयोग के भी उदाहरण पेश करते हैं। मोदी और इशिबा की मीटिंग ने स्पष्ट रूप से दिखाया है कि आने वाले समय में दोनों देशों के बीच सहयोग नई बुलंदियों को छूने वाला है।

For the latest update about Govt. Job, please follow our FacebookTelegramWhat’s app channel & Instagram