भारतीय पासपोर्ट और अंतरराष्ट्रीय यात्रा: प्रतिबंधों के पीछे की वजहें और सुधार की जरूरत

1. भारतीय पासपोर्ट की स्थिति और विश्व में यात्रा की सहूलियत

  • भारतीय पासपोर्ट की ताकत वैश्विक स्तर पर मध्यम दर्जे की है।
    हेनली पासपोर्ट इंडेक्स 2024 के अनुसार, भारतीय पासपोर्ट धारकों को लगभग 60-70 देशों में बिना वीजा या वीजा ऑन अराइवल सुविधा मिलती है।

  • यह संख्या समय के साथ बेहतर हो रही है, लेकिन फिर भी कई पश्चिमी देशों, मध्य पूर्व और कुछ अन्य देशों में वीजा प्रतिबंध मौजूद हैं।

  • भारत के नागरिकों को अधिकतर एशिया, अफ्रीका, कैरिबियन के कुछ हिस्सों और यूरोप के कुछ देशों में वीजा मुक्त या ऑन अराइवल यात्रा की सुविधा मिलती है।

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2. क्यों भारतीय यात्रियों पर कई देशों में प्रतिबंध या पाबंदियां लगती हैं?

a. सुरक्षा कारण और गैरकानूनी प्रवासन

  • कुछ देशों में भारतीय नागरिकों द्वारा अवैध आव्रजन या अधिक समय तक रहने की घटनाएं हुई हैं।

  • नकली दस्तावेजों का उपयोग और वीजा नियमों का उल्लंघन कुछ देशों को कड़े नियम लागू करने पर मजबूर करता है।

  • खासकर खाड़ी के देश जैसे यूएई, सऊदी अरब ने अवैध रोजगार को लेकर सख्ती बढ़ाई है।

b. अपराध और कानून उल्लंघन

  • कुछ भारतीय नागरिकों के संदिग्ध या अपराधी कृत्यों की वजह से (जैसे तस्करी, धोखाधड़ी) वैश्विक स्तर पर नकारात्मक छवि बनी है।

  • इससे कई देशों में भारतीय यात्रियों की जांच और प्रतिबंध कड़े हो जाते हैं।

c. राजनयिक या राजनीतिक कारण

  • भारत और कुछ देशों के बीच राजनीतिक तनाव या कूटनीतिक मसलों के कारण वीजा नीतियों में कठोरता आ सकती है।

  • कभी-कभी जवाबी कार्रवाई के तहत भी प्रतिबंध लगते हैं।

d. नागरिकता चेतना और व्यवहार

  • कुछ भारतीय पर्यटक या प्रवासी स्थानीय कानूनों का उल्लंघन, असभ्य व्यवहार, या संस्कृति का अनादर करते पाए जाते हैं।

  • ऐसे व्यवहार से पूरे देश की छवि खराब होती है और यात्रा पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।


3. भारत के यात्रियों को किन क्षेत्रों में चुनौतियों का सामना करना पड़ता है?

  • मध्य पूर्व (यूएई, सऊदी अरब, कतर): अवैध कार्य और वीजा नियम उल्लंघन के कारण कड़ी निगरानी।

  • यूरोप और अमेरिका: पूर्व में वीजा अनिवार्य, कड़ी जांच, सुरक्षा कारणों से सख्त नियम।

  • कुछ अफ्रीकी देश: कूटनीतिक संबंधों और सुरक्षा कारणों से प्रतिबंध।

  • पूर्व एशिया: जापान, चीन, दक्षिण कोरिया में वीजा जरूरी और कड़ी जांच।


4. नागरिकता चेतना और भारतीय यात्रियों का व्यवहार

a. सिविक सेंस की कमी

  • विदेशों में कूड़ा फैलाना, शोर शराबा करना, स्थानीय नियमों का उल्लंघन करना आम समस्याएं हैं।

  • ये नकारात्मक व्यवहार भारतीय यात्रियों की छवि खराब करते हैं।

b. जानकारी की कमी और तैयारी की कमी

  • कई भारतीय यात्रियों को विदेश की संस्कृति, कानूनों और दस्तावेजों की जरूरतों की पूरी जानकारी नहीं होती।

  • इससे अनावश्यक समस्याएं, यात्रा निषेध या निर्वासन तक हो सकता है।

c. राष्ट्रीय छवि पर प्रभाव

  • कुछ यात्रियों के कारण पूरे देश की नकारात्मक छवि बनती है।

  • यह देशों को भारतीय नागरिकों पर सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए प्रेरित करता है।


5. भारत कैसे सुधार कर सकता है?

  • यात्रियों को जागरूक करना: विदेशी कानूनों और संस्कृति का सम्मान करने की शिक्षा देना।

  • सख्त पूर्व-यात्रा प्रशिक्षण: खासकर काम या अध्ययन के लिए जाने वालों के लिए।

  • राजनयिक प्रयास: द्विपक्षीय संबंध मजबूत कर वीजा नीतियां आसान करना।

  • जिम्मेदार पर्यटन बढ़ावा: विदेशी यात्रा के दौरान जिम्मेदार व्यवहार के लिए अभियान।


निष्कर्ष

भारतीय पासपोर्ट धारकों को कई देशों में यात्रा की सुविधा मिलती है, लेकिन अवैध प्रवास, सुरक्षा चिंताएं और खराब नागरिकता व्यवहार के कारण कई बार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ता है। बेहतर जागरूकता और कूटनीतिक प्रयासों के जरिए हम भारतीय यात्रियों की वैश्विक छवि सुधार सकते हैं और यात्रा के अवसर बढ़ा सकते हैं।

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