New Labour Laws 2025: आपकी जेब पर क्या असर पड़ेगा? जानिए हर Employee के लिए 10 ज़रूरी बदलाव!

  1. वेतन (Wages) की नई परिभाषा
  • “Wages” की परिभाषा अब बेसिक वेतन + Dearness Allowance (DA) + Retaining Allowance को कम-से-कम 50% CTC (Cost to Company) माना जाएगा।
  • यह नियम इसलिए है ताकि कंपनियां अपने वेतन में बहुत ज्यादा अलाउंस (जैसे HRA या अन्य भत्ते) न बढ़ाकर statutory योगदान (PF, Gratuity) कम कर सकें।

नतीजा: आपके PF और ग्रेच्युटी योगदान बढ़ सकते हैं, क्योंकि वे “वेज” पर आधारित होंगे।
→ लेकिन आपका take-home सैलरी थोड़ा कम हो सकता है क्योंकि अधिक हिस्सा statutory बचत में जाएगा।

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  1. ग्रेच्युटी (Gratuity) में बड़ा बदलाव
  • पहले ग्रेच्युटी पाने के लिए लगभग 5 साल की सेवा जरूरी थी, लेकिन नए कोड में Fixed-Term Employees (FTE) को सिर्फ 1 साल के बाद भी ग्रेच्युटी मिल सकेगी।
  • ग्रेच्युटी की गणना अब नए “वेज” बेस पर होगी, जिससे क्लेम अधिक हो सकता है क्योंकि बेसिक + DA का हिस्सा अधिक माना जाएगा।
  • ग्रेच्युटी क्लेम के लिए डिजिटल तरीका भी हो सकता है — क्लेम ऑनलाइन पोर्टल पर सबमिट करना और समय-सीमा में निपटारा करना ज़रूरी होगा।
  1. सोशल सिक्योरिटी (Code on Social Security) का विस्तार
  • गिग वर्कर्स, प्लेटफ़ॉर्म वर्कर्स (जैसे डिलीवरी पार्टनर) और अनऑर्गनाइज़्ड सेक्टर के कर्मचारियों को भी अब सामाजिक सुरक्षा का दायरा मिलेगी।
  • कंपनियों को गिग-वर्कर्स के लिए सोशल सिक्योरिटी फंड में योगदान देना होगा। कुछ रिपोर्ट में कहा गया है कि यह योगदान उनकी टर्नओवर का 1-2% तक हो सकता है।
  1. नौकरी का औपचारिक दस्तावेज़ — नियुक्ति पत्र (Appointment Letter)
  • अब हर कर्मचारी को नौकरी मिलने पर लिखित नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य होगा। यह पारदर्शिता बढ़ाता है और औपचारिकता को मजबूती देता है।
  • इससे कर्मचारियों को उनके अधिकारों, पद, वेतन और नौकरी की शर्तों के बारे में स्पष्ट रूप से जानकारी मिलेगी।
  1. ओवरटाइम और काम के घंटे
  • नए कोड के मद्देनज़र, काम के घंटे 8 से 12 घंटे प्रतिदिन तक हो सकते हैं, लेकिन हफ्ते में कुल 48 घंटे की सीमा है।
  • ओवरटाइम में डबल वेतन देना अनिवार्य है।
  1. सुरक्षा और कार्य-स्थितियाँ (OSHWC Code)
  • सभी कामगारों के लिए बेहतर सुरक्षा नियम होंगे — हेल्थ, सेफ्टी स्टैंडर्ड्स, और कार्य-स्थितियाँ अब अधिक कठोर होंगी।
  • महिलाओं के लिए रात्रि शिफ्ट में काम करने के अवसर सुरक्षित होंगे, बशर्ते सुरक्षा उपाय हों।
  • एक राष्ट्रीय बोर्ड हो सकता है जो Occupational Safety, Health & Working Conditions पर निगरानी रखेगा।

फायदा और सलाह (Workers & Employers के लिए)

श्रमिकों (Workers) को फायदा:

  • सामाजिक सुरक्षा (PF, ग्रेच्युटी) में अधिक कवरेज, खासकर गिग वर्कर्स को।
  • ग्रेच्युटी जल्दी मिलेगी (1 साल में) — यह आर्थिक सुरक्षा बढ़ाता है।
  • नौकरी मिलने में पारदर्शिता: सभी को नियुक्ति पत्र मिलेगा।
  • बेहतर काम-काज की स्थितियाँ और काम के घंटे के नियम साफ होंगे।

नियोक्ताओं (Employers) के लिए:

  • उन्हें अधिक सामाजिक सुरक्षा योगदान देना पड़ सकता है, जिससे लागत बढ़े।
  • लेकिन चार कोड एकीकृत होने से compliance आसान हो सकता है (क्योंकि पहले 29 अलग कानून थे)।
  • वेतन संरचना को फिर से डिजाइन करना पड़ सकता है ताकि “वेज” की नई परिभाषा से मेल खा सके।

कर्मचारियों को सलाह:

  1. अपनी सैलरी स्ट्रक्चर देखें — पता करें कि आपका बैसिक + DA कितना है।
  2. नियुक्ति पत्र लें और उसे ध्यान से पढ़ें — नौकरी की शर्तें, वेतन, अन्य भत्ते।
  3. अगर आप Fixed-Term Employee हैं, तो यह जांचें कि आप 1 साल के बाद ग्रेच्युटी क्लेम के योग्य हैं।
  4. अपनी सामाजिक सुरक्षा (PF, ESI) की स्थिति पर नज़र रखें और प्रमाणीकरण मांगें।

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