ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025: भारत में बैन हुए बेटिंग ऐप्स और उसके दूरगामी असर

पिछले हफ्ते हमने आपको बताया था कि कैसे Futures & Options (F&O) मार्केट भारत में धीरे-धीरे एक तरह का सट्टा बाज़ार बन गया है, जहाँ बड़े खिलाड़ी भोले-भाले निवेशकों से हर साल अरबों रुपये निकाल लेते हैं। यह प्रक्रिया अर्थव्यवस्था को कोई वास्तविक लाभ नहीं देती, बल्कि केवल कुछ चुनिंदा लोगों को अमीर बनाती है।

इसी बीच, भारत सरकार ने एक बड़ा कदम उठाते हुए स्पोर्ट्स बेटिंग और फैंटेसी लीग ऐप्स पर बैन लगा दिया है। सरकार का मानना है कि ये ऐप्स नशे की लत, मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी को बढ़ावा देते हैं।

लेकिन सवाल यह है कि जब ऑनलाइन बेटिंग ऐप्स पर रोक लगाई जा रही है, तो फिर वही काम करने वाले F&O मार्केट को क्यों खुली छूट दी जा रही है?

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ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025: क्या है नया कानून?

सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग एक्ट 2025 पास कर दिया है, जिसे राष्ट्रपति की मंज़ूरी भी मिल चुकी है। अब यह पूरे भारत में लागू होगा।

कानून की मुख्य बातें:

  • ❌ सभी मनी-बेस्ड ऑनलाइन गेम्स (स्किल और चांस दोनों) पर प्रतिबंध।

  • 🚫 बैंक, UPI और कार्ड नेटवर्क्स अब इन ऐप्स पर पेमेंट प्रोसेस नहीं करेंगे।

  • 📢 बेटिंग ऐप्स का विज्ञापन और प्रमोशन भी बैन।

  • ⚖️ नियम तोड़ने पर 3 साल की जेल और भारी जुर्माना।

  • E-Sports (जहाँ केवल स्किल आधारित नॉन-मनी गेम्स होते हैं) को अलग कैटेगरी में मान्यता मिली।


सरकार के तर्क बनाम वास्तविकता

👉 सरकार कहती है कि यह कदम युवाओं को नशे और कर्ज़ से बचाने के लिए है।

लेकिन ब्लूमबर्ग के कॉलमनिस्ट एंडी मुखर्जी का मानना है कि:

  • लोग अब ऑफशोर कसीनो और क्रिप्टो करेंसी (Bitcoin, Ether) का सहारा लेंगे।

  • इससे मनी लॉन्ड्रिंग और टैक्स लॉस और बढ़ सकता है।

  • सरकार को हर साल $2 बिलियन टैक्स लॉस झेलना पड़ सकता है।

  • स्पोर्ट्स (जैसे प्रो कबड्डी लीग) को मिलने वाले स्पॉन्सरशिप फंड्स भी प्रभावित होंगे।


किन-किन ऐप्स पर पड़ा असर?

  • पूरी तरह बैन: Betway, 1xBet, Fun88, MELBET, Zodiac Casino, PokerStars इत्यादि।

  • 🔄 बिज़नेस मॉडल बदला: Dream11, My11Circle, MPL, A23 – अब केवल Free-to-Play कॉन्टेस्ट्स देंगे, जिनमें कैश नहीं बल्कि गिफ्ट्स और वाउचर मिलेंगे।

  • लीगल ऐप्स: Fantasy Akhada, PlayerzPot – पहले से ही नॉन-कैश प्राइज देते थे।


प्रभाव:

  • 🎮 गेमिंग इंडस्ट्री को झटका: $2.3 बिलियन टैक्स और 2 लाख नौकरियाँ दांव पर।

  • 🏏 स्पोर्ट्स स्पॉन्सरशिप पर असर – IPL और कबड्डी जैसे इवेंट्स को नए पार्टनर्स ढूँढने होंगे।

  • 📉 यूज़र्स पर दबाव: कई लोग VPN और ऑफशोर साइट्स की तरफ मुड़ सकते हैं, जिससे धोखाधड़ी और बढ़ेगी।

  • ई-स्पोर्ट्स का भविष्य उज्ज्वल: स्किल-बेस्ड नॉन-मनी गेम्स को अब साफ़ कानूनी पहचान मिली।


निष्कर्ष

सरकार का मकसद नागरिकों को बचाना है, लेकिन सवाल यह है कि क्या बैन ही समाधान है?

  • बेटिंग ऐप्स के बैन से लोग और खतरनाक, बिना रेगुलेशन वाले प्लेटफ़ॉर्म पर जा सकते हैं।

  • वहीं, ई-स्पोर्ट्स को इससे नई पहचान और तेज़ी मिल सकती है।

इसलिए असली चुनौती होगी – यूज़र्स को जागरूक करना और सुरक्षित विकल्प उपलब्ध कराना।

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