6 बार की हार के बाद, 1 बार की जीत – संस्कृति त्रिवेदी ने लिखी अपनी UPSC कहानी!”

क्या कभी लगा है कि कोशिशें बेकार जा रही हैं?
क्या कभी ऐसा हुआ कि आपने मेहनत की पर मंज़िल दूर ही रही?
अगर हाँ, तो आपको संस्कृति त्रिवेदी की कहानी ज़रूर पढ़नी चाहिए —
क्योंकि उन्होंने साबित किया कि हारने वाला वही होता है जो कोशिश छोड़ देता है।

 कौन हैं संस्कृति त्रिवेदी?

बिहार की रहने वाली संस्कृति त्रिवेदी (Sanskriti Trivedy) एक ऐसी UPSC अभ्यर्थी हैं जिन्होंने छह बार परीक्षा दी… और छठे प्रयास में ऑल इंडिया रैंक 17 हासिल की!
सोचिए — पाँच बार असफल होने के बाद भी, उन्होंने हार नहीं मानी।

उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी से Political Science में पढ़ाई की और इसी विषय को अपना वैकल्पिक (Optional) विषय भी चुना।
2022 में उन्हें IDAS (Indian Defence Accounts Service) में चयन मिला, लेकिन उनका सपना था IAS बनना — और वो सपना उन्होंने 2024 में पूरा कर दिखाया।

Join Telegram For Fast Update Join

 

 “असफलता ने मुझे रुकना नहीं, सीखना सिखाया।”

संस्कृति कहती हैं –

हर बार रिज़ल्ट आने के बाद मैं खुद से सवाल पूछती थी — क्या मैं सही दिशा में मेहनत कर रही हूँ?
और हर जवाब के साथ मैं थोड़ा बेहतर होती गई।”

यही वो सोच थी जिसने उन्हें छठी कोशिश में टॉपर बना दिया।

 संस्कृति की रणनीति (Preparation Strategy)

आप सोच रहे होंगे – आखिर उन्होंने ऐसा क्या किया जो छठी बार में सब कुछ बदल गया?
तो चलिए जानते हैं उनकी Winning Strategy:

🔹 1. Old Papers = Gold Papers

संस्कृति ने कहा कि उन्होंने पिछले 10 सालों के प्रश्नपत्रों का बार-बार अभ्यास किया।
“अगर UPSC का दिमाग समझना है, तो उसके पुराने सवाल पढ़ो।”

🔹 2. Consistency Is The Real Key

हर दिन 10-12 घंटे पढ़ाई, लेकिन बिना बर्नआउट के।
उन्होंने कहा – “एक दिन में ज्यादा पढ़ने से बेहतर है हर दिन थोड़ा-थोड़ा पढ़ना।”

🔹 3. Notes बनाना नहीं, समझना ज़रूरी है

वो कहती हैं, “Notes छोटे हों, लेकिन दिमाग में फिट हों।”

🔹 4. Self Study + Smart Planning

संस्कृति ने किसी बड़े कोचिंग इंस्टिट्यूट का सहारा नहीं लिया।
उन्होंने कहा – “Guidance ज़रूरी है, Dependency नहीं।”

छठी कोशिश, और वो सुनहरा पल

2024 में जब UPSC रिज़ल्ट आया —
लोगों की नज़र जैसे रुक गई AIR 17 – Sanskriti Trivedy पर।
वो मुस्कुरा रही थीं, लेकिन उनकी आंखों में पिछले छह साल की मेहनत झलक रही थी।

उन्होंने कहा,

“यह सिर्फ मेरा रिज़ल्ट नहीं था, ये हर उस असफलता का जवाब था जिसने मुझे रोकने की कोशिश की थी।”

 संस्कृति का संदेश हर UPSC Aspirant के लिए

“अगर आप सच में इस देश की सेवा करना चाहते हैं,
तो याद रखिए — UPSC सिर्फ एक परीक्षा नहीं,
यह धैर्य, आत्मविश्वास और संघर्ष  की यात्रा है।”

✍️ निष्कर्ष

संस्कृति त्रिवेदी की कहानी सिर्फ UPSC Aspirants के लिए नहीं,
बल्कि हर उस इंसान के लिए है जिसने कभी असफलता देखी हो।
उन्होंने हमें सिखाया —
हार नहीं मानने वाला ही असली विजेता होता है।”

For the latest update about Govt. Job, please follow our FacebookTelegramWhat’s app channel & Instagram